Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

Trending Visual Stories और देखें
विज़ुअल स्टोरी

27 साल पहले आज ही के दिन बना था न्यूक्लियर इंडिया, पोखरण में रचा था इतिहास

11 मई 1998, पोखरण, जहां भारत ने पांच सफल परमाणु परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया था। अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. कलाम के नेतृत्व में यह ऐतिहासिक उपलब्धि मिली। जानिए आज भी क्यों खास है यह दिन।

27 साल पहले आज ही के दिन बना था न्यूक्लियर इंडिया, पोखरण में रचा था इतिहास

11 मई 1998 को भारत ने जो इतिहास रचा, वह केवल वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं थी, बल्कि आत्मनिर्भरता, संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा का ऐसा संदेश था जिसने पूरी दुनिया को चौंका दिया। राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित पोकरण के खेतोलाई गांव में इस दिन हुए परमाणु परीक्षण ने भारत को न्यूक्लियर स्टेट की सूची में खड़ा कर दिया।

'बुद्ध मुस्कुराए' कोडवर्ड जिसने रचा इतिहास
इस ऑपरेशन को 'पोखरण-II' या 'ऑपरेशन शक्ति' के नाम से जाना गया और इसका कोडवर्ड था. "बुद्धा स्माइल्ड" यानी बुद्ध मुस्कुराए। यह नाम दर्शाता है कि भारत की शक्ति विनाश के लिए नहीं, शांति के लिए है।

परीक्षण को भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के निर्देशन में DRDO और BARC की टीम ने अंजाम दिया। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीतिक दृढ़ता और दूरदर्शिता ने इसे संभव बनाया।

5 धमाकों ने बदल दी भारत की वैश्विक पहचान
इस दिन 5 सफल परमाणु परीक्षण किए गए, जिनमें से तीन 11 मई को और दो 13 मई को हुए। इसके बाद भारत ने खुद को न्यूक्लियर हथियार संपन्न देश घोषित किया और 'नो फर्स्ट यूज' नीति अपनाकर शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

पोखरण बन गया 'परमाणु नगरी', खेतोलाई गांव बना गौरव का प्रतीक
इस ऐतिहासिक घटना के बाद पोकरण को 'परमाणु नगरी' और खेतोलाई को 'विज्ञान का तीर्थ' कहा जाने लगा। आज भी वहां के लोग गर्व से उस दिन को याद करते हैं। खेतोलाई गांव के बुज़ुर्ग बताते हैं कि परीक्षण के बाद हल्की कंपन तो महसूस हुई, लेकिन उन्हें इस बात का गर्व है कि उनके गांव ने देश को गर्व का मौका दिया।

पोखरण ने दिखाई भारत की रणनीतिक दृढ़ता
इस परीक्षण के बाद अमेरिका सहित कई देशों ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए, लेकिन भारत पीछे नहीं हटा। वाजपेयी सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के मामले में कोई समझौता नहीं होगा।

आज 27 साल बाद भी वही गौरव, वही जोश
आज 11 मई 2025 को पोखरण परमाणु परीक्षण की 27वीं वर्षगांठ है। यह दिन हर भारतीय को उस वैज्ञानिक, सामरिक और राजनीतिक शक्ति की याद दिलाता है जो भारत ने शांति के रास्ते पर चलते हुए हासिल की थी।