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झुंझुनूं में मिलावट माफिया का पर्दाफाश! हल्दी से लेकर दूध तक ज़हर परोसा जा रहा था

Jhunjhunu News: झुंझुनूं में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई, 246 में से 42 खाद्य सैंपल मिलावटी पाए गए। 9 फर्म्स के खिलाफ ADM कोर्ट में चालान पेश, दूध, हल्दी, घी और मिठाई तक में मिला ज़हर।

झुंझुनूं में मिलावट माफिया का पर्दाफाश! हल्दी से लेकर दूध तक ज़हर परोसा जा रहा था
झुंझुनूं में मिलावट माफिया का पर्दाफाश

झुंझुनूं: राजस्थान का यह शांत शहर इन दिनों एक गहरी चिंता में डूबा है। आम जनता के खाने-पीने की चीजों में ज़हर घोलने वाले मिलावटखोरों पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई सख्त कार्रवाई और सैम्पल रिपोर्ट्स ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। बीते चार महीनों में झुंझुनूं जिले में 246 खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए, जिनमें से अब तक 145 की रिपोर्ट आई है। लेकिन हैरानी की बात ये रही कि इनमें से 42 सैंपल मिलावटी पाए गए  यानी हर तीन में से एक उत्पाद हमारी सेहत के लिए खतरा है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. छोटेलाल गुर्जर ने बताया कि इनमें से 30 सैम्पल अमानक, 9 मिथ्या और 3 पूरी तरह असुरक्षित (UnSafe) थे। ये रिपोर्ट केवल आंकड़े नहीं, बल्कि उस खतरे का आईना हैं, जो हम रोजमर्रा की जिंदगी में अनजाने में खरीदकर खा रहे हैं।

स्टोर, मिठाई की दुकानों और डेयरियों तक फैला है मिलावट का जाल
शहर के विंध्यवासिनी जनरल स्टोर से मिला हल्दी पाउडर हो या खेतड़ी के बुद्धिप्रकाश किराना स्टोर का हरियाणा किंग घी  मिलावट की ये फेहरिस्त लंबी और खतरनाक है। मंडावा स्थित अरविंद इंटरप्राइजेज की हैवमोर आइस कैंडी तक जांच के दायरे में है। केवल मसाले और घी ही नहीं, मिठाई की दुकानों के मावा और पनीर, डेयरी का दूध, यहां तक कि दही और ड्रिंक्स भी इस गोरखधंधे से अछूते नहीं रहे।

चिड़ावा, अलसीसर, गुढ़ा, मलसीसर, सूरजगढ़, लोयल – हर क्षेत्र से एक न एक नमूना असुरक्षित मिला है। श्री श्याम डेयरी का गाय का दूध, कुलदीप मिष्ठान का पनीर, रामदेव मिष्ठान का मावा  इन नामों से भरोसे की गंध आती है, लेकिन रिपोर्ट्स ने इस भरोसे की नींव हिला दी है।

9 फर्म्स के खिलाफ ADM कोर्ट में पेश हुआ चालान
इस गंभीर मामले में 9 फर्म्स के खिलाफ ADM कोर्ट में चालान पेश किया गया है। इनमें बालाजी रसगुल्ला भंडार (उदयपुरवाटी), सैनी रेस्टोरेंट (उदयपुरवाटी), शर्मा ब्रदर्स (मंडावा), सूरेंद्र कुमार एंड कंपनी (मंड्रेला), भूतपूर्व अर्धसैनिक कल्याण कैंटीन (चिड़ावा) समेत कई प्रतिष्ठान शामिल हैं। इनके खिलाफ नियमों के तहत सख्त दंडात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

इस कार्रवाई से यह साफ है कि प्रशासन अब और चुप बैठने वाला नहीं है। जो लोग जनता की सेहत से खिलवाड़ करते हैं, उनके खिलाफ अब जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।

ये है एक चेतावनी, एक अलार्म
यह सिर्फ एक प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि हम जो खा रहे हैं, उसमें कहीं कोई धोखा तो नहीं? ये लड़ाई केवल अधिकारियों की नहीं है  ये हर जागरूक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह अपने खानपान को लेकर सतर्क रहे।