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बिरयानी डिप्लोमेसी: जब दुनिया मिसाइलों में उलझी थी, बाबा जी के लिए सवाल था वेज या चिकन?

India Pakistan missile conflict joke: जब भारत-पाकिस्तान के बीच मिसाइलें उड़ रहीं थीं, तब बाबा जी बिरयानी के मसाले गिन रहे थे। पढ़िए एक चुटीली व्यंग्यात्मक कहानी जिसमें जंग, राजनीति और बिरयानी का स्वाद एक साथ घुला है।

बिरयानी डिप्लोमेसी: जब दुनिया मिसाइलों में उलझी थी, बाबा जी के लिए सवाल था वेज या चिकन?

साल 2025 भारत-पाक सीमा पर हालात गरम थे। एक तरफ न्यूज चैनलों की ब्रेकिंग थी “पाकिस्तान ने छोड़ी मिसाइल!”, दूसरी तरफ बाबा जी के कमरे से आवाज़ आ रही थी “भईया, आज बिरयानी में तेज़ पत्ता डाला कि नहीं?” पूरा देश टीवी पर आंखें गड़ाए बैठा था, लेकिन बाबा जी का सारा फोकस बिरयानी के सही "दम" पर था। उनका मानना था कि कोई भी संकट हो, “पेट में अगर बिरयानी हो तो मन में शांति रहती है।”

राष्ट्रभक्ति और रायता अलग-अलग परोसे जाते हैं
जब पड़ोसियों ने पूछा कि “बाबा जी, आपको डर नहीं लगता? मिसाइलें उड़ रही हैं ऊपर से!”, बाबा जी ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, “डर तो तब लगा था जब किसी ने कहा था कि वेज बिरयानी भी एक चीज़ होती है।”

बाबा जी ने बाकायदा "वेज बिरयानी संघ" के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। “भाईसाहब, बिरयानी में न मटन हो, न चिकन, तो फिर वो पुलाव है, बिरयानी नहीं।" उनके इस कथन पर हज़ारों व्यूज और रीट्वीट हो गए, और ट्विटर पर #RealBiryani ट्रेंड करने लगा।

देश की चिंता बाद में, दही का रायता पहले
सेना सीमा पर तैनात थी, सरकारें रणनीति बना रही थीं, और बाबा जी डाइनिंग टेबल पर नमक की सही मात्रा पर बहस कर रहे थे। “देश की चिंता सरकार करे, हम तो बिरयानी के जनक हैं,” उन्होंने घोषित किया।

किसी ने सवाल उठाया कि “बाबा जी, क्या आप राष्ट्रहित में कुछ नहीं करेंगे?”
उन्होंने गम्भीर स्वर में कहा, “करेंगे ना! हम अभी ट्विटर पर लिखेंगे ‘बिरयानी में अगर बोंग नहीं है, तो ये राष्ट्रद्रोह के बराबर है।’”

मिसाइल गिरती रही, और बाबा जी बिरयानी चखते रहे
जब न्यूज़ फ्लैश आया कि भारत ने भी जवाबी हमला कर दिया है, बाबा जी के मुंह से सिर्फ एक बात निकली “आख़िरकार... दम आ गया है।” सब समझे कि वो भारत के जवाब पर बोल रहे हैं, लेकिन नहीं वे दरअसल बिरयानी के स्वाद की बात कर रहे थे।

इस दौर में जहां हर बात राजनीति, युद्ध और वैचारिक झगड़े में बदल जाती है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनकी प्राथमिकता सिर्फ स्वाद होती है। बाबा जी जैसे लोग हमें याद दिलाते हैं कि जिंदगी की सबसे गंभीर परिस्थितियों में भी हंसी, रायता और बिरयानी का महत्व कम नहीं होता।

बाबा जी का जनता को संदेश

बाबा जी का बस इतना ही कहना है कि आपको जो भी बेचना हो बेचो उससे उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन अगर आप कुछ नॉन वेज बेच रहे हैं तो उसके साथ आप ठाकुर जी या फिर श्री श्याम की तस्वीर या फिर नाम का इस्तेमाल न करें.