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बाड़मेर में रात 1 बजे हाई वोल्टेज ड्रामा: महिला की गिरफ्तारी पर गरजे विधायक भाटी, पुलिस को झुकना पड़ा

Ravindra Singh Bhati news: राजस्थान के बाड़मेर में हाई टेंशन लाइन को लेकर विवाद बढ़ गया, जब पुलिस ने महिला को हिरासत में लिया। विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने थाने का घेराव किया। देर रात प्रशासन से समझौते के बाद धरना समाप्त किया गया।

बाड़मेर में रात 1 बजे हाई वोल्टेज ड्रामा: महिला की गिरफ्तारी पर गरजे विधायक भाटी, पुलिस को झुकना पड़ा
महिला की गिरफ्तारी पर गरजे विधायक भाटी

राजस्थान का बाड़मेर जिला शनिवार रात एक बार फिर चर्चा में आ गया, लेकिन इस बार वजह थी एक महिला की गिरफ्तारी और उसके बाद उठा सियासी तूफान। शिव से विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने इस गिरफ्तारी को लेकर खुला विरोध जताया और थाने के बाहर जमकर मोर्चा संभाल लिया। मामला सिर्फ प्रशासनिक कार्रवाई तक सीमित नहीं रहा, यह एक जनसंवेदनशील आंदोलन में बदल गया।

रातभर थाने का घेराव, विधायक बोले- यह अन्याय नहीं सहेंगे
शनिवार शाम को शुरू हुआ विरोध धीरे-धीरे तेज होता गया। मणिहारी गांव की एक महिला को पुलिस ने हाई टेंशन लाइन के खंभे लगाने में बाधा डालने के आरोप में हिरासत में लिया था। यह महिला और उसके परिवारजन, बिजली लाइन के मुआवज़े को लेकर काम रुकवाने पहुंचे थे। लेकिन जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, तो स्थानीय विधायक भाटी नाराज़ हो गए और थाने का घेराव करने पहुंचे।

विधायक के साथ भारी संख्या में ग्रामीण धरने पर बैठ गए। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया, लेकिन रात गहराने के साथ-साथ स्थिति भी गंभीर होती गई। पूरे बाड़मेर में यह मामला चर्चा का विषय बन गया।

महापड़ाव की चेतावनी, फिर देर रात समझौता
सभी प्रयासों के असफल रहने के बाद रविवार को महापड़ाव की घोषणा कर दी गई थी। लेकिन प्रशासन ने देर रात हरकत में आते हुए रात 1 बजे विधायक भाटी से बातचीत की। एडीएम, एएसपी, आरएएस अफसर और पुलिस प्रशासन के साथ चली मैराथन मीटिंग के बाद समाधान निकला।

विधायक भाटी को आश्वस्त किया गया कि सभी हिरासत में लिए गए लोगों को बिना किसी मुकदमे के रिहा किया जाएगा और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाएगी। इसके बाद विधायक ने धरना समाप्त करने की घोषणा की।

वायरल वीडियो और मुआवज़े की मांग ने गर्माया माहौल
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें पुलिस और SDM महिला से सख्ती से बात करते नज़र आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे केवल न्यायोचित मुआवज़े की मांग कर रहे थे, और उनका विरोध शांतिपूर्ण था।

अब जब समझौता हो चुका है, लोगों को उम्मीद है कि हाई टेंशन लाइन की ज़मीन अधिग्रहण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाएगी और ग्रामीणों की बात को गंभीरता से सुना जाएगा।