9 महीने की प्लानिंग, 2.5 करोड़ की डील और रंगे हाथ गिरफ्तारी: जयकृष्ण पटेल रिश्वत कांड की पूरी इनसाइड स्टोरी
Jaykrishna Patel bribery case: BAP विधायक जयकृष्ण पटेल को ACB ने 2.5 करोड़ की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। जानिए कैसे 9 महीने की प्लानिंग के बाद ACB ने ट्रैप बिछाकर भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया।

राजस्थान के बागीदौरा से बीएपी (भारत आदिवासी पार्टी) के विधायक जयकृष्ण पटेल को रविवार सुबह 10:30 बजे एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। सोमवार 5 मई को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां ACB उनके रिमांड की मांग करेगी। साथ ही, घूस की रकम रिकवर करना भी जांच एजेंसी के लिए चुनौती बना हुआ है।
ACB महानिदेशक रवि प्रकाश मेहरड़ा ने पुष्टि की कि ट्रैप के दौरान विधायक के हाथ धुलवाने पर रंग निकल आया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उन्होंने घूस की रकम को छुआ और गिना है।
खनन कंपनी से थी डील: ब्लैकमेलिंग और भ्रष्टाचार की बड़ी साजिश
यह मामला जुड़ा है तालकोस इंडिया एलएलपी नामक खनन कंपनी से, जिसका संचालन बीजेपी नेता रामनिवास मीणा और उनके बेटे रविंद्र मीणा करते हैं। रविंद्र मीणा ने 2023 में बसपा से और उनके पिता ने भाजपा से विधानसभा चुनाव लड़ा था।
11 जुलाई 2024 को, विधायक पटेल ने विधानसभा में 5998 नंबर का तारांकित प्रश्न लगाकर टोडाभीम इलाके में अवैध खनन, तस्करी और फार्महाउस के आरोप लगाए। सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया कि इन मामलों की पुष्टि नहीं हुई।
पहले सवाल लगाए, फिर हटाने के लिए मांगी रिश्वत
ACB के अनुसार, विधायक पटेल ने उन्हीं सवालों को हटवाने के लिए खनन कंपनी से 10 करोड़ रुपये की डिमांड की। बातचीत के बाद डील 2.5 करोड़ में फाइनल हुई। इसी घूस की रकम की पहली किस्त लेने के दौरान ACB ने ट्रैप करके विधायक को गिरफ्तार कर लिया।
कैसे बिछा ACB का जाल: जुलाई 2024 से शुरू हुआ ऑपरेशन
ACB की टीम जुलाई 2024 से लगातार इस मामले की निगरानी कर रही थी। ट्रांजेक्शन की ऑडियो रिकॉर्डिंग, कॉल लॉग, संदिग्ध मीटिंग्स और फील्ड ट्रैकिंग के ज़रिए सबूत जुटाए गए। ट्रैप प्लान इतना मजबूत था कि गिरफ्तारी के बाद विधायक कोई सफाई नहीं दे सके।
क्या होगी अगली कार्रवाई? संपत्ति जांच, रिमांड और सस्पेंशन की तैयारी
अब ACB विधायक की जमानत का विरोध करेगी और रिमांड पर लेकर जांच का दायरा बढ़ाएगी। संभावना है कि विधायक की संपत्ति, बैंक अकाउंट और पिछले 2 सालों की राजनीतिक गतिविधियों की भी जांच होगी।