विराट कोहली के टेस्ट संन्यास की असली कहानी, कप्तानी के वादे से मुकरा BCCI?
विराट कोहली ने टेस्ट से क्यों लिया संन्यास? रिपोर्ट में दावा—BCCI ने पहले कप्तानी का संकेत दिया, फिर वादा तोड़ दिया। जानिए कैसे टूटी विराट की उम्मीद।

12 मई को जब विराट कोहली ने अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, तो पूरा क्रिकेट जगत हैरान रह गया। न कोई इशारा, न प्रेस कॉन्फ्रेंस बस इंस्टाग्राम पोस्ट में कोहली ने अपने 15 साल के टेस्ट करियर को अलविदा कह दिया। लेकिन अब जो खबरें सामने आ रही हैं, उनसे पता चलता है कि यह संन्यास सिर्फ एक फैसला नहीं था, बल्कि भावनात्मक आघात और टूटी उम्मीदों का नतीजा था।
कप्तानी का वादा, फिर झटका!
स्पोर्ट्स टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कोहली को इशारों में बता दिया गया था कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में उन्हें फिर से भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपी जा सकती है। लेकिन सब कुछ बदल गया जब भारत ने एडिलेड टेस्ट सिर्फ तीन दिन में हार दिया और सीरीज 1-3 से गंवा दी। इसके बाद BCCI और टीम मैनेजमेंट ने युवा कप्तान की ओर रुख करने का फैसला किया।
रणजी खेला था उम्मीद में, मिला सिर्फ खिलाड़ी का रोल
कोहली को उम्मीद थी कि उन्हें एक बार फिर टीम लीड करने का मौका मिलेगा, इसी उम्मीद में उन्होंने रणजी ट्रॉफी में रेलवे के खिलाफ मैच खेला। लेकिन अप्रैल में उन्हें BCCI ने साफ बता दिया कि वो टीम का हिस्सा होंगे, मगर कप्तान नहीं। यहीं से कोहली का मनोबल टूटा और उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट का बड़ा कदम उठा लिया।
भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान, फिर भी अंत निराशाजनक
विराट कोहली ने 68 टेस्ट में कप्तानी की, जिसमें भारत को 40 जीत मिलीं। उन्होंने भारत को ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका जैसी टीमों के खिलाफ ऐतिहासिक जीतें दिलाईं। फिर भी, कप्तानी वापसी की अनदेखी ने कोहली को वह सम्मान नहीं दिया जिसकी वे हकदार थे।
अब सिर्फ वनडे और IPL में दिखेंगे विराट
कोहली भले ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हों, लेकिन वह भारत के लिए वनडे क्रिकेट में और RCB के लिए IPL में खेलना जारी रखेंगे। 17 मई को IPL फिर शुरू होगा, जहां कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु भिड़ेगी कोलकाता नाइटराइडर्स से।