आतंकियों के Safe Zone बने मौत के ज़ोन...बहावलपुर से कोटली तक क्यों बरसे भारत के मिसाइल?
Operation Sindoor target locations: ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के किन आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया और क्यों? जानिए बहावलपुर, मुरीदके, कोटली, गुलपुर और सियालकोट के आतंकी इतिहास की पूरी जानकारी।

7 मई 2025 की तड़के भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल एयरस्ट्राइक और मिसाइल अटैक किए। यह हमले पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किए गए, जहां 22 अप्रैल को 26 हिंदू तीर्थयात्रियों की हत्या कर दी गई थी।
लेकिन सवाल उठता है...भारत ने जिन 9 जगहों को टारगेट किया, वे इतने महत्वपूर्ण क्यों थे?
1. बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद का गढ़
बहावलपुर स्थित मरकज शुभान अल्लाह जैश का मुख्यालय है। यहीं पर मौलाना मसूद अजहर, मुफ्ती अब्दुल रऊफ और मौलाना अम्मार का घर है।
संसद हमला (2001) और पुलवामा (2019) जैसे हमलों की योजना यहीं बनी थी।
2. मुरीदके: लश्कर का ट्रेनिंग हब
लाहौर से 40 किमी दूर मुरीदके, लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा का गढ़ है।
यहां से 26/11 हमलावरों को ट्रेनिंग दी गई थी।
मरकज तैयबा परिसर में मस्जिद, गेस्टहाउस और ट्रेनिंग कैंप है। कहा जाता है कि ओसामा बिन लादेन ने इसके निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपये दिए थे।
3. कोटली: आत्मघाती हमलावरों का अड्डा
कोटली (POK) वह स्थान है जहां से आत्मघाती हमलावर और उग्रवादी तैयार किए जाते हैं।
यहां एक बार में 50 से अधिक आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है।
4. गुलपुर: एलओसी का लॉन्चपैड
गुलपुर, राजौरी और पुंछ में आतंकियों की घुसपैठ का मुख्य केंद्र है।
भारतीय काफिलों पर हमलों की योजना यहां बनाई जाती है।
5. महमूना कैंप (सियालकोट): हिजबुल का गढ़
हिजबुल मुजाहिदीन का यह ठिकाना सियालकोट के पास था।
हालांकि कमजोर पड़ा है, लेकिन स्थानीय नेटवर्क मजबूत बना हुआ है।
6. सवाई (तंगधार सेक्टर): गुलमर्ग से पहलगाम तक हमले की योजना यहीं बनी
गांदरबल, गुलमर्ग और पहलगाम हमलों की तैयारी यहीं हुई थी।
यह लश्कर ए तैयबा का गुप्त ठिकाना था।
7-9. सरजाल, बरनाला और चक अमरू: अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लॉन्चपैड
कठुआ, सांबा और राजौरी सेक्टर में आतंकी घुसपैठ के लिए ये स्थान 'लॉन्चिंग ज़ोन' माने जाते थे।