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नकली बायो फ्यूल से 1000 करोड़ का चूना

कोटियार्क बायो फ्यूल कंपनी का खेल 
सरकार को लगी 100 करोड़ की चंपत 
दो और कंपनियों के साथ दो पंपो को सीज कराया
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की सिरोही में कार्रवाई 

नकली बायो फ्यूल से 1000 करोड़ का चूना

जयपुर। कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की नकली फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। आज मंत्री मीणा ने नक़ली खाद, बीज और पेस्टीसाइड के बाद सिरोही में नक़ली बायो फ्यूल बनाने वाली कंपनियों पर छापा मारा। आपको बता दे कि भारत में बायो फ्यूल के उत्पादन की शुरुआत इसलिए की गई थी क्योकि डीजल के आयात की निर्भरता कम हो सके और पर्यावरण का नुक़सान ना हो। लेकिप हमारे प्रदेश में बायो फ्यूल नकली ही नहीं साथ में सरकार के राजस्व का भारी नुकसान कर रहा है। 

आज सिरोही के स्वरूपगंज स्थित बायो फ्यूल बनाने वाली कंपनी मैसर्स कोटियार्क इंड्रस्टीज़ प्राइवेट लिमिटेड पर अचानक पहुंचे। मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने जब कंपनी का कागजात की छानबीन की तो पता लगा की इस कंपनी बायो फ्यूल बनाने की वैधता जुलाई 2022 को ही खत्म हो गई। इसके बावजूद बायो फ्यूल का बड़ी मात्रा में उत्पादन किया जा रहा है। रिकॉर्ड को बारीकी से देखा तो पता लगा की 7 लाख 72 हज़ार लीटर रॉ मटेरियल है जिससे 7 लाख लीटर बायो फ्यूल बनाया जा सकता है और शेष स्टॉक क़रीब 3 लाख लीटर बायो फ्यूल था। कुल क़रीब 10 लाख लीटर बायो डीजल प्रोडक्शन कर विक्रय किया जा सकता है, लेकिन इस कंपनी के दस्तावेजों में 30 लाख लीटर बायो फ्यूल का उत्पादन कर बेचने का रिकॉर्ड मिला। क़रीब 20 लाख लीटर बायो फ्यूल अतिरिक्त उत्पादन कहां से किया, जब पता किया तो बड़ी मात्रा में वो रॉ मटेरियल मिला, जिसका उपयोग बायो फ्यूल में कर ही नहीं सकते। इनमें हाइड्रो कार्बन आयल, फ़र्नेस ऑयल,एमटीओ आदि का उपयोग किया जा रहा था। यानी इस कंपनी ने 20 लाख लीटर अतिरिक्त नक़ली वायो फ्यूल बेचा, जिससे राज्य सरकार के राजस्व में करीब 60 करोड़ रुपए प्रति वर्ष और 6 साल में 360 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। 
इसी कंपनी ने एक अप्रैल से 2 लाख 19 हज़ार लीटर बायो फ्यूल भारत सरकार की ऑयल कंपनियों को बेचा। उसके उस समय सैम्पल फेल होने के कारण ये बायो फ्यूल कंपनियों ने वापिस कोटियार्क कंपनी को दे दिया गया। मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने देखा कि ना तो इस फ्यूल को नष्ट किया ना कहीं कागजों में दिखाया गया। इसका मतलब इसे उपभोक्ताओ को बेच दिया गया। यहां इस नक़ली बायो फ्यूल से आम उपभोक्ताओं को नुक़सान के साथ पर्यावरण को भी नुक़सान हो रहा है। इस कंपनी को मौक़े पर ही सीज कर दिया गया और अधिकारियों को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए। 

विश्व खनिज प्राइवेट लिमिटेड और वासुदेव बायो एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड पर पहुंचे 
कंपनी विश्व खनिज की उत्पादन करने की वैधता फरवरी 2023 को समाप्त होने के बावजूद उत्पादन किया जा रहा है, मौके पर कंपनी के प्रतिनिधि ने कहा की डेढ़ साल से कोई उत्पादन नहीं हो रहा, जबकि दस्तावेज देखने पर पता लगा की 48 हज़ार लीटर बायो फ्यूल को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन को बेचा गया। इस कंपनी को सीज करने के आदेश दिए गए। वासुदेव वायो कंपनी बिना लाइसेंस के चल रहा था मौके पर सीज और कार्यवाही के आदेश दिए। 

बायो फ्यूल के दो पम्प को भी बंद कराया गया 
कंपनियों पर कार्यवाही के बाद सिरोही में चल रहे दो बायो फ्यूल के पम्पों पर अचानक दबिश दी, लेकिन पंपों के मालिक मौके से भाग गए यहां मौके पर ट्रकों के ड्राईवर, मालिक और मिस्त्री मिले। उन्होंने कहा की इन बायो फ्यूल डीजल डालने से हमारे ट्रकों में नुकसान हुआ है डॉ. किरोड़ी लाल ने मौके पर बात सुनी और दोनों पंपों को  सीज करने के आदेश दिए। रसद विभाग और स्थानीय प्रशासन को इस चल रहे अवैध पंप और कंपनियों पर कार्यवाही के निर्देश दिए।