Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

और देखें
विज़ुअल स्टोरी

बिहार चुनाव 2025 की तस्वीर साफ: नीतीश के विकास मॉडल और मोदी के राष्ट्रवाद के बीच फंसा विपक्ष

NItish-Modi Bihar Election 2025 Plan: बिहार चुनाव 2025 से पहले नीतीश कुमार ने 20 साल के विकास का रिपोर्ट कार्ड पेश किया, मोदी सरकार ने राष्ट्रवाद और जाति जनगणना का कार्ड खेला।

बिहार चुनाव 2025 की तस्वीर साफ: नीतीश के विकास मॉडल और मोदी के राष्ट्रवाद के बीच फंसा विपक्ष
मोदी के राष्ट्रवाद के बीच फंसा विपक्ष

बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है, और एनडीए ने एक के बाद एक ऐसे दांव खेले हैं जिससे विपक्ष को बैकफुट पर जाना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते 20 वर्षों के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश कर दिया है, जिसका नाम है  “बिहार का नवनिर्माण: 20 साल विकास के, बदलते बिहार के।” इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2005 से पहले और 2025 तक बिहार कैसे बदला है बिजली, सड़क, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर तुलनात्मक आंकड़े पेश किए गए हैं।

20 साल का रिपोर्ट कार्ड: बुकलेट से बदलेगा चुनावी माहौल?
इस रिपोर्ट के जरिए एनडीए चुनावी माहौल में ‘विकास बनाम अव्यवस्था’ का नैरेटिव बनाना चाहती है। बुकलेट में 2005 से पहले की अराजकता, हिंदू-मुस्लिम दंगे, बिजली-पानी की कमी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को दिखाया गया है। वहीं, नीतीश शासन में सड़कें, पुल, स्कूल, अस्पताल, यूनिवर्सिटी, महिला आरक्षण और कानून व्यवस्था के सुधार को सामने लाया गया है।

नौकरी और रोजगार: युवाओं को साधने की रणनीति
रिपोर्ट के अनुसार, नीतीश सरकार में अब तक 8 लाख सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं और 12 लाख सरकारी नौकरी + 38 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया गया है। यह आंकड़े सीधे तौर पर बेरोजगार युवाओं को लुभाने का प्रयास हैं।

मोदी फैक्टर: राष्ट्रवाद, पहलगाम हमला और जातिगत जनगणना
पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रवाद देशभर में उबाल पर है। केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात कही है, और इस माहौल में मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना की घोषणा करके विपक्ष को चौंका दिया है। यह कदम सीधे उस एजेंडे को काटता है जिसे महागठबंधन जाति के नाम पर भुनाना चाह रहा था।

NDA का गेमप्लान साफ, विपक्ष कन्फ्यूज़
एनडीए का फोकस साफ है – "विकास, सुरक्षा, राष्ट्रवाद और रोजगार।” वहीं, INDIA गठबंधन के लिए यह तय करना मुश्किल हो रहा है कि क्या वो सिर्फ मोदी विरोध से चुनाव जीत सकते हैं। नीतीश की विकासगाथा और मोदी की राष्ट्रभक्ति दोनों एक साथ वोटर्स के दिमाग में बैठाई जा रही हैं।