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सोशल मीडिया पर पाकिस्तान समर्थन वाली पोस्ट से मचा बवाल, हनुमानगढ़ शिक्षा विभाग ने तुरंत लिया एक्शन

हनुमानगढ़ में उर्दू शिक्षक अकरम खान को सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी सैनिकों की पोस्ट शेयर करने पर किया गया निलंबित। जानिए क्या है पूरा मामला और क्या बोले शिक्षा अधिकारी।

सोशल मीडिया पर पाकिस्तान समर्थन वाली पोस्ट से मचा बवाल, हनुमानगढ़ शिक्षा विभाग ने तुरंत लिया एक्शन

राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में सोशल मीडिया की एक "लाइक" ने सरकारी शिक्षक की नौकरी पर बड़ा असर डाला है। अजीतपुरा गांव स्थित पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में उर्दू शिक्षक के पद पर कार्यरत अकरम खान को सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी सैनिकों से जुड़ी पोस्ट लाइक और शेयर करना महंगा पड़ गया।

जैसे ही ये पोस्ट स्थानीय लोगों की नजरों में आई, आक्रोश की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया पर मामला वायरल होते ही शिक्षा विभाग हरकत में आया और अकरम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

सोशल मीडिया पर पाकिस्तान समर्थन!
शिक्षक अकरम खान ने कथित तौर पर उन पोस्ट्स को लाइक और शेयर किया जिनमें पाकिस्तानी सैनिकों का समर्थन किया गया था। ऐसे समय में जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है, यह कदम बेहद संवेदनशील माना गया।

जांच के बाद सामने आया कि अकरम खान की यह हरकत भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 का उल्लंघन करती है, जिसके तहत देशविरोधी या भ्रामक सामग्री को बढ़ावा देना दंडनीय अपराध है।

सस्पेंशन के साथ नई पोस्टिंग
निलंबन के आदेश में यह भी कहा गया कि अकरम खान को अब ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, पीलीबंगा के दफ्तर में ड्यूटी करनी होगी। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि सरकारी कर्मचारियों से राष्ट्रहित में जिम्मेदार व्यवहार की अपेक्षा की जाती है, और इस प्रकार की गतिविधियों को किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पुलिस और शिक्षा विभाग कर रहे विस्तृत जांच
अब पुलिस और शिक्षा विभाग दोनों ही इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं अकरम खान का संपर्क किसी संवेदनशील या संदिग्ध नेटवर्क से तो नहीं था। जांच में यदि कोई और लिंक सामने आता है, तो और भी सख्त कार्रवाई संभव है।

संगठनों और जनता में आक्रोश
अकरम खान की इस हरकत को लेकर स्थानीय संगठनों और ग्रामीणों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इसे साफ तौर पर देशविरोधी कृत्य बताया गया। लोगों ने प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग की थी। इससे पहले भी मध्य प्रदेश के सीहोर में इसी तरह की एक घटना में एक शिक्षिका को निलंबित किया गया था।

सोशल मीडिया की आज़ादी नहीं है असीमित
यह मामला एक बार फिर यह चेतावनी देता है कि सोशल मीडिया पर की गई गतिविधियां सार्वजनिक और संवेदनशील होती हैं। सरकारी कर्मचारी या आम नागरिक— सभी को जिम्मेदारी से व्यवहार करना होगा। शिक्षा विभाग ने सभी कर्मचारियों को चेताया है कि अगर नियमों का उल्लंघन होगा, तो बचाव की कोई गुंजाइश नहीं होगी।