जातिगत जनगणना को लेकर सचिन पायलट ने रखी ये खास मांग, फिर तंज कस बोले बड़े नेता ने था 'बंटोगे तो कटोगे'
सचिन पायलट ने जातिगत जनगणना को लेकर अपनी बातचीत में कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के बजट का आवंटन, नीति निर्माण, सहयोग और समर्थन देना जैसे फैसले, अभी सिर्फ अंदाजे के बल पर लिए जाते थे। कोई जवाबदेही, कोई पारदर्शिता नहीं थी। सरकार मनमाने तरीके से जहां चाहे वहां बजट का पैसा और योजना लगा देती थी।

भारत सरकार द्वारा जातिगत जनगणना होने की घोषणा के बाद से देश में इसको लेकर खूब चर्चा हो रही है। पक्ष और विपक्ष दोनों ही इस मामलें में काफी एक्टिव हैं। तो अब राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट ने भी इसको लेकर अपनी राय सामने रखी है। उन्होंने इसी के साथ ही चुनाव के दौरान चर्चा में आए 'बंटोगे तो कटोगे' नारे के बारे में भी बात की है।
सचिन पायलट ने जातिगत जनगणना पर क्या कहा
हम जानते हैं कि हाल ही में भारत सरकार ने जातिगत जनगणना का घोषणा की है। जिसको लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने दिल्ली में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट ने कहा कि पूरी BJP सरकार और नेताओं के तमाम विरोध के बावजूद, कई सालों से राहुल गांधी जी और कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर बहुत प्रखर रहे। सचिन पायलट ने आगे कहा कि इस मुद्दे को उठाने के लिए कांग्रेस नेताओं और राहुल गांधी जी को अर्बन नक्सल कहा गया। वही दल, वही सरकार, जो 11 साल से सत्ता में है, उन्होंने जातिगत जनगणना को देश और समाज के लिए 'जहर' की संज्ञा दी थी।
आगे सचिन पायलट ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि आज जनता के दबाव, कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी जी के लगातार संसद के अंदर-बाहर इस मांग को उठाने पर, मोदी सरकार यह समझ गई कि जन भावना कांग्रेस के साथ है। देश की अधिकांश जनता भागीदारी चाहती है। ये सिर्फ एक जनगणना नहीं है। देश की अधिकांश जनसंख्या किन हालात में अपना जीवन व्यतीत कर रही है, कितने लोग पढ़े-लिखे हैं, क्या काम कर रहे हैं, क्या खा रहे हैं? यह इस बात का पता करने की एक पारदर्शी और वैज्ञानिक कोशिश है।
सचिन पायलट बोले तय हो मापदंड
सचिन पायलट ने जातिगत जनगणना को लेकर अपनी बातचीत में कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के बजट का आवंटन, नीति निर्माण, सहयोग और समर्थन देना जैसे फैसले, अभी सिर्फ अंदाजे के बल पर लिए जाते थे। कोई जवाबदेही, कोई पारदर्शिता नहीं थी। सरकार मनमाने तरीके से जहां चाहे वहां बजट का पैसा और योजना लगा देती थी। पर अब वो ऐसा नहीं कर पाएगी। मैं मानता हूं कि यह राहुल गांधी जी, कांग्रेस पार्टी, INDIA गठबंधन के नेताओं और जनता का सम्मिलित दबाव था, जिस कारण प्रधानमंत्री जी को अपने पैर पीछे खींचने पड़े। हम चाहते हैं कि बिना समय खोए सरकार यह घोषणा करें कि कितने समय में जातिगत जनगणना पूरी होगी और क्या मापदंड तय किए जाएंगे।
सचिन पायलट ने राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि जैसा राहुल गांधी जी कहते हैं, एक एक्स रे होना चाहिए। उसके बाद ही हम सही तरीके से भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। इसी मूल मुद्दे पर कांग्रेस कार्य समिति की बैठक लगभग दो घंटे चली, जिसमें सामाजिक न्याय को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ है। अब आगे इस मामले में कैसे कदम उठाए जाते हैं, सभी की इस पर नजर है।