बेमौसम बारिश के बीच 27 मई से होगी दक्षिण-पश्चिम मानसून की एंट्री, जानिए क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक
मई की बारिश और तूफानों के बीच भारत में मानसून 27 मई को जल्दी दस्तक देगा। जानिए विशेषज्ञों की राय और क्या गर्मी की कमी से कमजोर हो सकता है मानसून?

भारत में मई के महीने में जिस तरह की असामान्य मौसम गतिविधियां देखने को मिलीं — गरज-चमक, धूल भरी आंधियां और सामान्य से कम तापमान — उसने आम जनजीवन को चौंका दिया है। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इन बदलावों का असर इस साल मानसून पर भी पड़ेगा?
मई में सामान्य से अधिक बारिश
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के महानिदेशक एम. मोहपात्रा ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ और नमी के कारण मई में बारिश सामान्य से ज्यादा दर्ज की गई है। देश के कई हिस्सों में गर्मी नहीं के बराबर रही, हालांकि राजस्थान के कुछ हिस्से अब भी लू की चपेट में हैं।
"हीट लो" की भूमिका है अहम
उत्तर-पश्चिम भारत में अगर "हीट लो" यानी गर्मी से बनने वाला कम दबाव क्षेत्र नहीं बना, तो यह मानसून की प्रगति को धीमा कर सकता है। लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है।
27 मई से मानसून देगा दस्तक
आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, बंगाल की खाड़ी और केरल में 27 मई के आसपास मानसून की आधिकारिक शुरुआत हो सकती है। हालांकि, मोहपात्रा स्पष्ट करते हैं कि “शुरुआत का बारिश की मात्रा से सीधा संबंध नहीं है। असली तस्वीर मानसून के आगे बढ़ने और उसके असर से सामने आएगी।”
जून से सितंबर तक कैसी होगी बारिश?
मौसम विभाग के दीर्घकालिक अनुमान में कहा गया है कि इस साल मॉनसून की बारिश सामान्य से अधिक हो सकती है। लेकिन इसकी पुष्टि आगे के महीनों की मॉनसून गतिविधियों के आधार पर ही हो सकेगी।
अब तक मानसून की स्थिति क्या है?
सोमवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों तक पहुंच चुका है। अगले 2-3 दिनों में मानसून के और आगे बढ़ने की संभावना है।